ट्रेडमार्क पर ट्रेडिंग की अवधारणा

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 यह लेख लॉसिखो से यूएस इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ और पैरालीगल स्टडीज में डिप्लोमा कर रहे Nagesh Karale द्वारा लिखा गया है और Shashwat Kaushik द्वारा संपादित किया गया है। इस लेख में वह ट्रेडमार्क पर ट्रेडिंग की अवधारणा पर चर्चा करते है। इस लेख का अनुवाद Divyansha Saluja के द्वारा किया गया है।

परिचय

ट्रेडमार्क कोई भी शब्द, वाक्यांश, प्रतीक, डिज़ाइन या इन चीज़ों का संयोजन हो सकता है जिसका उपयोग किसी उत्पाद या सेवा के स्रोत को पहचानने के लिए किया जाता है। यह ग्राहकों को उत्पादों को दूसरों से अलग करने के लिए दृश्य संकेत देता है। यह पंजीकृत या अपंजीकृत हो सकता है। कंपनी का लोगो ट्रेडमार्क के रूप में उपयोग किया जा सकता है। एक पंजीकृत व्यापार चिह्न ® या ™ प्रतीकों द्वारा दिखाया जाता है। जब तक कंपनी ट्रेडमार्क का उपयोग करती है, तब तक यह उस उत्पाद या सेवा की सुरक्षा करती है जिसके लिए इसका उपयोग किया जाता है। किसी ट्रेडमार्क में प्रयुक्त शब्द या वाक्यांश उसे स्वामित्व नहीं देता है। मजबूत ट्रेडमार्क स्वाभाविक रूप से विशिष्ट है। यह विचारोत्तेजक (सजेस्टिव), काल्पनिक या मनमाना है। एक ट्रेडमार्क जो वर्णनात्मक या सामान्य प्रकृति का होता है उसे एक कमजोर ट्रेडमार्क माना जाता है।

ट्रेड मार्क किसी भी उत्पाद या सेवा की ब्रांडिंग रणनीति का हिस्सा है। एक ब्रांड किसी कंपनी की छवि से संबंधित होती है। यह किसी कंपनी या उसके उत्पादों के बारे में एक सामान्य धारणा है। एक ट्रेडमार्क न केवल किसी ब्रांड को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि जालसाजी और धोखाधड़ी से भी बचाता है। ट्रेड मार्क अधिकार क्षेत्रीय हैं। एक पंजीकृत ट्रेडमार्क व्यापक अधिकार और सुरक्षा प्रदान करता है।

ट्रेडमार्क ट्रेडिंग की खोज पर अवलोकन

ट्रेडमार्क पर ट्रेडिंग का संबंध बाजार में ब्रांड के मूल्य और लोकप्रियता का उपयोग करके मुनाफा कमाने से है। प्रसिद्ध ट्रेडमार्क कंपनी को नए बाज़ार और मुनाफ़ा उत्पन्न करने के लिए एक अद्वितीय स्थिति और प्रतिस्पर्धी (कंपेटिटिव) लाभ प्रदान करते हैं। उचित ब्रांड रणनीतियाँ मजबूत ट्रेडमार्क बनाती हैं। मजबूत आईपी नीतियां ट्रेडमार्क की प्रभावी ढंग से सुरक्षा करती हैं। इससे बाजार में ब्रांड का दबदबा कायम हो जाता है। ट्रेडमार्क पर व्यापार मुख्य रूप से ट्रेडमार्क बेचने, खरीदने और लाइसेंस देने से संबंधित गतिविधियों से संबंधित है।

ट्रेडमार्क पर व्यापार के कुछ प्रमुख पहलू यहां दिए गए हैं:

  1. लाइसेंसिंग और फ़्रेंचाइज़िंग: लाइसेंसिंग व्यवस्था में, मूल्यवान ट्रेडमार्क को अन्य पक्षों द्वारा उपयोग करने की अनुमति दी जाती है। लाइसेंसिंग समझौते ट्रेडमार्क के उपयोग को निर्धारित करते हैं। लाइसेंस प्राप्त कंपनी को लाइसेंसकर्ता के लोकप्रिय ब्रांड का लाभ मिलता है। बदले में, लाइसेंसधारी लाइसेंसकर्ता को रॉयल्टी या शुल्क देता है। फ़्रेंचाइज़िंग व्यवस्था में, विभिन्न फ्रेंचाइजी कंपनी द्वारा प्रदान की गई समान व्यवसाय योजना का उपयोग करती हैं। फ्रेंचाइजी उत्पाद की ब्रांड छवि और कंपनी की अच्छी इच्छाशक्ति का लाभ उठाती हैं। वे एक ही ब्रांड नाम का उपयोग करते हैं।
  2. ट्रेडमार्क बिक्री और समनुदेशन (असाइनमेंट): ट्रेडमार्क संपत्ति के रूप में बेचे जाते हैं। लिखित समनुदेशन के माध्यम से, खरीदने वाली कंपनी को ट्रेडमार्क का स्वामित्व प्राप्त होता है। इसके बाद खरीदार को ब्रांड की छवि और लोकप्रियता से लाभ होता है।
  3. विलय और अधिग्रहण (मर्जर एंड एक्विजिशन) (एम एंड ए): इस व्यवसाय प्रक्रिया में, ट्रेडमार्क स्वामित्व अधिग्रहण करने वाली कंपनी को हस्तांतरित हो जाता है। एम एंड ए गतिविधि से पहले, ट्रेडमार्क का मूल्यांकन सावधानीपूर्वक किया जाता है। फिर स्वामित्व के हस्तांतरण (ट्रांसफर) को सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरणों को अद्यतन (अपडेट) किया जाता है। नए अधिग्रहीत ट्रेडमार्क का मिलान नई कंपनी की ब्रांड रणनीति से किया जाना चाहिए।
  4. ट्रेडमार्क मूल्यांकन: ट्रेडमार्क मूल्यांकन विलय या अधिग्रहण गतिविधि से पहले किया जाता है। ट्रेडमार्क का मूल्यांकन ट्रेडमार्क की लोकप्रियता, उसकी बाजार हिस्सेदारी और प्रतिष्ठा पर निर्भर करता है। यह महत्वपूर्ण जानकारी वित्तीय ट्रैकिंग और कराधान उद्देश्यों के लिए उपयोगी है।
  5. ब्रांड विस्तार और बिक्री: लोकप्रिय ट्रेडमार्क का उपयोग ब्रांड विस्तार के माध्यम से नए उत्पादों के लिए किया जाता है। इससे कंपनी को बिक्री से अतिरिक्त आय होती है।

ट्रेडमार्क के उल्लंघन से मौजूदा ग्राहकों के बीच भ्रम पैदा होता है। व्यवसाय में हानि से बचने के लिए ट्रेडमार्क उल्लंघन को रोका जाना चाहिए। इसके लिए, ट्रेडमार्क के किसी भी उल्लंघन या अनुचित उपयोग का पता लगाने के लिए ट्रेडमार्क की निगरानी की जानी चाहिए। उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध शीघ्र कानूनी कार्रवाई की जाए।

यदि उत्पाद ब्रांड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है, तो संबंधित ट्रेडमार्क सुरक्षा के लिए कई देशों में पंजीकृत होना चाहिए। ई-कॉमर्स की वृद्धि के कारण, ट्रेडमार्क विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर वैश्विक स्तर पर ग्राहक विश्वास और वफादारी बनाने के लिए फायदेमंद हो गए हैं। आजकल, कंपनियां अपने ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, पेटेंट और अन्य बौद्धिक संपदा संपत्तियों को विभिन्न पोर्टफोलियो में रखती हैं।

पुनर्गठन, विलय या अधिग्रहण के तहत, कंपनियां लोकप्रिय ब्रांडों का अधिग्रहण करती हैं, जो उन्हें नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करता हैं। वे नई उत्पाद श्रेणियां भी पेश कर सकते हैं। परिणामस्वरूप, कंपनी की छवि निखरती है।

कंपनी धन जुटाने के लिए अपने अप्रयुक्त ट्रेडमार्क को बेच या लाइसेंस दे सकती है। वैश्विक ट्रेडमार्क प्राप्त करने से कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने की अनुमति मिलती है। ट्रेडमार्क का व्यापार करते समय, जोखिम से बचने के लिए समग्र लाभ और कमियों पर विचार किया जाता है।

ट्रेडमार्क लाइसेंसिंग और फ़्रेंचाइज़िंग

लाइसेंसिंग समझौते के तहत, लाइसेंसकर्ता लाइसेंसधारी को ट्रेडमार्क का उपयोग करने की अनुमति देता है। उपयोग अनन्य (एक्सक्लूसिव) या गैर-अनन्य हो सकता है। अनुबंध में लिखित नियम और शर्तें ट्रेडमार्क के उपयोग को निर्धारित करती हैं। लाइसेंसकर्ता को अपनी ट्रेडमार्क प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने से बचाने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता का ध्यान रखना चाहिए। उसे पूरे लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र में उत्पाद या सेवा की गुणवत्ता की निगरानी करनी चाहिए। इससे ब्रांड की छवि बरकरार रहने में मदद मिलती है।

ट्रेडमार्क लाइसेंसिंग फ़्रेंचाइज़िंग, बिक्री, ब्रांड विस्‍तरण और सह-ब्रांडिंग जैसे विभिन्न रूप लेती है। लाइसेंसिंग रणनीति नए बाज़ारों में प्रवेश करके अधिक राजस्व उत्पन्न करती है। पुराने, कम उपयोग किए गए ट्रेडमार्क को लाइसेंस देने से कंपनी को अतिरिक्त राजस्व मिलता है। लाइसेंसिंग से समग्र विज्ञापन लागत कम हो जाती है।

लाइसेंसिंग में उत्पाद की खराब गुणवत्ता के कारण ब्रांड छवि खराब होने का बड़ा खतरा रहता है। इसलिए ब्रांड की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए उत्पाद की गुणवत्ता को नियंत्रित करना लाइसेंसकर्ता की जिम्मेदारी है। ट्रेडमार्क का दुरुपयोग एक और समस्या है। अत्यधिक लाइसेंसिंग से उपभोक्ता भ्रम पैदा हो सकता है और ट्रेडमार्क बाजार में विशिष्टता खो सकता है।

फ़्रेंचाइज़िंग व्यवस्था में, फ़्रेंचाइज़ी को किसी उत्पाद या सेवा को बेचने के लिए किसी अन्य पक्ष के ट्रेडमार्क का उपयोग करने की अनुमति मिलती है। बदले में, फ्रेंचाइजी फ्रेंचाइज़र को रॉयल्टी और शुल्क देते है। फ़्रेंचाइज़र व्यवसाय चलाने के लिए व्यावसायिक योजनाएँ और प्रशिक्षण प्रदान करता है। मैकडॉनल्ड्स और क्लार्क्स शूज़ जैसे बड़े ब्रांड फ़्रेंचाइज़िंग के उदाहरण हैं।

ट्रेडमार्क समनुदेशन और हस्तांतरण

ट्रेडमार्क समनुदेशन में, स्वामित्व समनुदेशनकर्ता से समनुदेशनग्रहीता को हस्तांतरित कर दिया जाता है। किसी ट्रेडमार्क की साख (गुडविल) को समनुदेशन समझौते के माध्यम से हस्तांतरित किया जा सकता है। नए ट्रेडमार्क स्वामी को हस्तांतरित ट्रेडमार्क का उपयोग करने की अनुमति मिल जाती है।

ट्रेडमार्क समनुदेशन कई तरीकों से किया जा सकता है। एक पूर्ण समनुदेशन में, रॉयल्टी सहित सभी अधिकार, असाइनी को हस्तांतरित कर दिए जाते हैं। आंशिक समनुदेशन में, क्योंकि यह आंशिक है, सभी नहीं बल्कि कुछ वस्तुओं और सेवाओं के अधिकार हस्तांतरित हो जाते हैं। साख के साथ एक समनुदेशन में, अधिकार, मूल्य और अधिकार समनुदेशग्रहिता को हस्तांतरित हो जाते हैं। अप्रयुक्त वस्तुओं और सेवाओं के लिए ट्रेडमार्क आम तौर पर साख के बिना सौंपे जाते हैं।

समनुदेशन से पहले, ट्रेडमार्क को प्रभावित करने वाले कई कारकों पर विचार किया जाता है। इसमें स्वामित्व, वैधता सत्यापन, मौजूदा लाइसेंस और ट्रेडमार्क का क्षेत्र शामिल है। किसी भी ट्रेडमार्क के विरुद्ध कानूनी विवादों पर भी विचार किया जाता है। समनुदेशन के प्रकार के बारे में निर्णय, जैसे पूर्ण या आंशिक, साख के साथ या बिना, गहन शोध के बाद लिया जाएगा। ट्रेडमार्क का समनुदेशन दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होना चाहिए। उचित परिश्रम के बाद जोखिम को कम किया जा सकता है।

ट्रेडमार्क के समनुदेशन के दौरान, सभी संबंधित कानूनी दस्तावेज़ उपलब्ध कराए जाने चाहिए। भविष्य में विवादों से बचने के लिए समनुदेशन समझौता अच्छी तरह से संरचित होना चाहिए। समझौते में दायरा, विचार, विवाद समाधान, गोपनीयता और क्षतिपूर्ति (इंडेमनिट) खंड शामिल होने चाहिए। स्थानीय कानून और मुद्रांकन (स्टैंपिंग) नियमों का पालन किया जाना चाहिए।

विलय और अधिग्रहण में ट्रेडमार्क

विलय और अधिग्रहण से पहले, ब्रांड के स्वामित्व और संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। कोई भी मौजूदा कानूनी विवाद भविष्य में समस्याएँ पैदा कर सकता है। इसके बाद, पंजीकरण स्थिति के लिए ट्रेडमार्क की जाँच की जानी चाहिए। जोखिम को कम करने के लिए समनुदेशन समझौतों में वारंटी, क्षतिपूर्ति और पूर्व-समापन सुधार शामिल होने चाहिए।

ट्रेडमार्क के हस्तांतरण के बाद, उपचार और प्रवर्तन (एनफोर्समेंट) के अधिकार के नुकसान से बचने के लिए समनुदेशन को विशिष्ट समय सीमा के भीतर प्राधिकरण के साथ दर्ज किया जाना चाहिए। समनुदेशन समझौते में समनुदेशन के बाद सहायता प्रदान करने के लिए असाइनर को बाध्य करने के लिए “आगे का आश्वासन” खंड शामिल होना चाहिए। समझौते में, एक डोमेन नाम और सोशल मीडिया अकाउंट हस्तांतरण खंड जोड़ा जाना चाहिए। कानूनी विशेषज्ञ की सहायता ट्रेडमार्क के सुचारू हस्तांतरण को सुनिश्चित करती है। उचित हस्तांतरण के बाद, ट्रेडमार्क का उचित तरीके से उपयोग और कार्यान्वयन (इंप्लीमेंटेशन) किया जाएगा।

ऑनलाइन बाज़ार और ट्रेडमार्क ट्रेडिंग

ऑनलाइन शॉपिंग वैश्विक उपभोक्ताओं को दुनिया में कहीं से भी उत्पाद खरीदने की अनुमति देती है। ऑनलाइन खरीदारी में आसानी और सुरक्षित भुगतान ने विभिन्न इंटरनेट प्लेटफार्मों के विकास में योगदान दिया। अमेज़ॅन जैसी ये वेबसाइटें दुनिया भर के विक्रेताओं को अपनी वेबसाइटों पर प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अपने उत्पाद बेचने के लिए आकर्षित करती हैं। लेकिन साइबर सुरक्षा और नकली उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के जोखिम हैं।

ट्रेडमार्क उल्लंघन के लिए तीसरे पक्ष की मदद ऑनलाइन विक्रेता के सामने आने वाली प्रमुख समस्या है। ट्रेडमार्क के ऑनलाइन उल्लंघन का पता लगाने के लिए, वास्तविक नाम प्रमाणीकरण और अप्रत्यक्ष सूचना संग्रह की निगरानी की आवश्यकता होती है। उल्लंघन के लिए क्षेत्राधिकार तय करना और कानून लागू करना दूसरी बड़ी समस्या है। आयातित उत्पादों को ऑनलाइन स्टोर में अलग तरीके से बेचने से कानूनी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

ऑनलाइन ब्रांड चोरी से बचने के लिए, विक्रेता को अपने ब्रांड का नाम और प्रतीक पंजीकृत करना चाहिए। ऑनलाइन उल्लंघन की लगातार निगरानी करना और उल्लंघन के खिलाफ तुरंत कड़ी कानूनी कार्रवाई करना सबसे अच्छी नीति है। फेसबुक और गूगल भी उल्लंघन रोकने में मदद करते हैं।

कंपनियाँ अपने ऑनलाइन ग्राहकों को विशेष प्रतीकों का उपयोग करके अपने ब्रांड के बारे में शिक्षित कर सकती हैं जो दर्शाता है कि यह उनका ब्रांड है।

ट्रेडमार्क ट्रेडिंग में भविष्य के रुझान

चूंकि अधिक से अधिक कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद बेच रही हैं, विवादों से बचने के लिए विदेशी व्यापारियों को कई देशों में अपने ट्रेडमार्क पंजीकृत कराने चाहिए। भारतीय अदालतें अपंजीकृत और विदेशी ट्रेडमार्क की सुरक्षा का ख्याल रखती हैं। विदेशी ट्रेडमार्क की सीमा पार ट्रेडमार्क प्रतिष्ठा भारतीय अदालतों द्वारा संरक्षित है।

बदलती प्रौद्योगिकियां (टेक्नोलॉजी) और वैश्विक व्यापार प्रथाएं देशों को अपने ट्रेडमार्क कानूनों को संशोधित करने के लिए मजबूर करती हैं। प्रमुख समस्याएं नकली वेबसाइट और डोमेन नाम का उल्लंघन हैं।

ध्वनि, रंग और खुशबू चिह्न जैसे गैर-पारंपरिक ट्रेडमार्क के लिए ट्रेडमार्क कानून का मसौदा तैयार करने में एक नई चुनौती है। चूँकि विश्व स्तर पर व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं, प्रत्येक देश के ट्रेडमार्क कानूनों में सामान्य और सरल पंजीकरण प्रक्रियाएँ होनी चाहिए। देशों के बीच ट्रेडमार्क कानूनों की अनुकूलता अंतरराष्ट्रीय व्यापार को आसान बनाती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ट्रेडमार्क डेटाबेस को खोजकर पहले से उपयोग में आने वाले ट्रेडमार्क का पता लगाना आसान हो जाएगा। ब्लॉक चेन तकनीक का उपयोग करके ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया सुरक्षित हो सकती है। इंटरनेट के उपयोग में वृद्धि के कारण डोमेन नाम विवाद एक प्रमुख समस्या बन जाएगी।

ट्रेडमार्क कार्यालय ट्रेडमार्क अनुप्रयोगों की जांच करने और अपने डेटाबेस में ट्रेडमार्क खोजने के लिए एआई उपकरण का उपयोग करते हैं। ऑनलाइन उपकरण अनधिकृत ट्रेडमार्क उपयोग का पता लगाने और ट्रेडमार्क उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

ट्रेडमार्क किसी ब्रांड की सुरक्षा के लिए एक व्यावसायिक उपकरण है। ट्रेडमार्क ट्रेडिंग बाज़ार में अद्वितीय बनने और वैश्विक स्तर पर व्यापार का विस्तार करने के कई अवसर देता है। ट्रेडमार्क ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए, लाइसेंसिंग, फ़्रेंचाइज़िंग, बिक्री, समनुदेशन, विलय और अधिग्रहण रणनीतियों का उपयोग किया जाता है। इस डिजिटल युग में, ट्रेडमार्क राजस्व बढ़ाने, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और उल्लंघन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एआई और ब्लॉकचेन जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकियां ट्रेडमार्क कानून को आकार देंगी। उचित ट्रेडमार्क ट्रेडिंग व्यवसायों की सफलता और भविष्य में उनकी प्रतिस्पर्धी स्थिति सुनिश्चित करेगी।

संदर्भ

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