बंधक संपत्ति को आप कैसे बेच सकते हैं

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Transfer of Property Act 1882
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यह लेख Adv. Binal G. Shah द्वारा लिखा गया है, जो लॉसीखो से रियल एस्टेट लॉ में सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं। इस लेख में वह बंधक (मॉर्गेज) और उससे संबंधित प्रावधानों (प्रोविजंस) पर चर्चा करते हुए बताते है की, एक बंधक सम्पत्ति को कैसे बेचा जा सकता है और उसके पीछे क्या कानूनी मुद्दे हो सकते है। इस लेख का अनुवाद Divyansha Saluja द्वारा किया गया है। 

बंधक संपत्ति से आप क्या समझते हैं?

बंधक संपत्ति एक अचल (इम्मूवेबल) संपत्ति है, जो कर्ज के रूप में प्राप्त धन, मौजूदा या भविष्य के कर्ज या एक आर्थिक देयता (पिक्यूनियरी लायबिलिटी) के खिलाफ सुरक्षा के रूप में दी जाती है।

Lawshikho
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आसान शब्दों में, जब कोई व्यक्ति पैसे मांगता है और जो उस व्यक्ति को पैसा देने के लिए तैयार होता है, वह उस व्यक्ति को दिए गए पैसे को समय पर वापस लौटाने की गारंटी चाहता है। वापस लौटाने की गारंटी के लिए, व्यक्ति या तो मूल दस्तावेज देता है या उसके स्वामित्व (ओनरशिप) वाली अचल संपत्ति का सशर्त कब्जा, कर्जदाता (लैंडर) को सुरक्षा के रूप में देता है, जब तक कि वह व्यक्ति कर्जदाता को मूल राशि यानी ब्याज (इंटरेस्ट) के साथ लिया गया कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं हो जाता। इसका सबसे अच्छा उदाहरण आवास कर्ज (हाउसिंग लोन) है। जब कोई बैंक किसी व्यक्ति को आवास कर्ज प्रदान करता है, तो बैंक उस घर के मूल दस्तावेजों को सुरक्षा के तौर पर रखता है, जिसके लिए आवास कर्ज लिया गया था। यदि कोई व्यक्ति कर्ज को चुकाने में चूक करता है, तो बैंक सुरक्षा के तौर पर रखे घर की नीलामी कर सकता है और कर्ज राशि की वसूली कर सकता है।

संपत्ति-अंतरण अधिनियम, 1882 (ट्रांसफर ऑफ़ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882)

अध्याय (चैप्टर) IV- धारा 58 से धारा 104 तक अचल संपत्ति और भार (चार्ज) के बंधक से संबंधित है। बंधक संपत्ति के बारे में विस्तार से जानने से पहले, नीचे दी गई शर्तों को जानना महत्वपूर्ण है, जिनका इस लेख में अक्सर उपयोग किया जाएगा:

  • बंधक, पैसे के भुगतान को सुरक्षित करने के लिए विशिष्ट अचल संपत्ति में हित का हस्तांतरण (ट्रांसफर) है;
  • बंधककर्ता (मॉर्गेजर) वह व्यक्ति है जो अपनी संपत्ति को गिरवी रखता है अर्थात उधारकर्ता (बॉरोअर)/हस्तांतरणकर्ता (ट्रांसफरर);
  • बंधकदार (मॉर्गेजी) वह व्यक्ति है जो धन उधार देता है अर्थात कर्जदाता/हस्तांतरिती (ट्रांसफरी);
  • बंधक-धन, मूलधन और बंधकदार को देय ब्याज है;
  • बंधक विलेख (मॉर्गेज डीड) एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा ट्रांसफर किया जाता है।

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 के अनुसार, बंधक छह प्रकार के होते हैं, अर्थात्:

  • साधारण बंधक

धारा 58(B) के अनुसार, एक साधारण बंधक में, बंधककर्ता, बंधकदार को आश्वासन देता है कि वह कर्ज की राशि चुकाएगा और ना दे पाने की स्थिति में, वह खुद को बंधक संपत्ति बेचने के लिए व्यक्तिगत रूप से बाध्य (बाइंड) होगा और इस तरह कर्ज की राशि चुकाएगा। साधारण बंधक में, संपत्ति का कब्जा और उसके दस्तावेज केवल बंधककर्ता के पास रहते हैं। इस ट्रांजैक्शन को एक साधारण बंधक कहा जाता है और बंधकदार को एक साधारण बंधकदार कहा जाता है।

  • सशर्त विक्रय द्वारा बंधक (मॉर्गेज बाय कंडीशनल सेल)

धारा 58(C) के अनुसार, सशर्त विक्रय द्वारा बंधक के लिए यह अनिवार्य है कि दस्तावेज़ में उन शर्तों का विशेष रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए जो बिक्री को प्रभावित करती हैं। यहां, बंधककर्ता के लिए नीचे उल्लिखित शर्तों के साथ बंधकदार को संपत्ति बेचना अनिवार्य है:

  1. किसी विशेष तिथि पर बंधककर्ता द्वारा भुगतान में चूक होने पर, जैसा कि दस्तावेज़ में उल्लेख किया गया है, संपत्ति की बिक्री पूर्ण हो जाएगी; या
  2. एक बार जब बंधककर्ता कर्ज की राशि को ब्याज यानी बंधक-धन के साथ चुका देता है, तो बंधकदार/विक्रेता (सेलर) संपत्ति को वापस बंधककर्ता/खरीदार को हस्तांतरित कर देगा; या
  3. बंधक-धन की प्राप्ति पर, अचल संपत्ति की बिक्री अमान्य हो जाएगी;

इस ट्रांजैक्शन को सशर्त विक्रय द्वारा बंधक कहा जाता है और बंधकदार को सशर्त विक्रय द्वारा बंधकदार कहा जाता है।

  • भोग-बंधक (यूसुफ्रकट्री मॉर्गेज)

धारा 58(D) के तहत, सहमत नियमों और शर्तों के अनुसार, एक बंधककर्ता, बंधकदार को बंधक संपत्ति का कब्जा तब तक देता है जब तक कि वह बंधक-धन का भुगतान नहीं करता और वह बंधकदार को मूल राशि या ब्याज के बदले में सम्पत्ति पर कब्जे की अवधि के दौरान उससे मिले उचित किराए और लाभ लेने की अनुमति देता है, तो उस ट्रांजैक्शन को भोग-बंधक कहा जाता है और बंधकदार को भोग-बंधकदार कहा जाता है।

  • अंग्रेजी बंधक

धारा 58(E) के अनुसार, अंग्रेजी बंधक में, बंधककर्ता एक विशेष तिथि पर बंधक-धन चुकाने के लिए खुद को बाध्य करता है और बंधक संपत्ति को बंधकदार को पूरी तरह से एक शर्त के साथ हस्तांतरित करता है कि जब बंधक-धन का भुगतान बंधकदार को कर दिया जाएगा तो बंधकदार, बंधक संपत्ति को बंधककर्ता को फिर से हस्तांतरित कर देगा।

  • हक-विलेखों के निक्षेप द्वारा बंधक (मॉर्गेज बाइ डिपॉजिट ऑफ़ टाइटल डीड्स)

धारा 58(F) के अनुसार, जब एक बंधककर्ता कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे और संबंधित राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र (ऑफिशिअल गैज़ेटे) में अधिसूचित (नोटिफाइड) किसी भी अन्य शहर में अचल संपत्ति के मूल हक के दस्तावेजों को वितरित (डिलीवर)/जमा, उसे सुरक्षा बनाने के इरादे से करता है तो वह हक-विलेखों के निक्षेप (डिपॉजिट) द्वारा बंधक कहलाया जाता है।

  • विलक्षण बंधक (एनोमलस मॉर्गेज)

धारा 58(G) के अनुसार, एक बंधक जो धारा 58(B) से 58(F) के अनुसार नहीं है, एक विलक्षण (एनोमलस) बंधक है। विलक्षण शब्द ही अनियमित (इरेगुलर) बंधक की व्याख्या (एक्सप्लेन) करता है।

बंधक संपत्ति को कैसे बेचा जा सकता है?

  • बंधकदार द्वारा बंधक संपत्ति की बिक्री

यदि बंधक धन के भुगतान में चूक होती है, तो बंधक संपत्ति को बेचने के लिए बंधकदार को या तो कोर्ट से आदेश प्राप्त करने की आवश्यकता होती है या यह कोर्ट के हस्तक्षेप (इंटरवेंशन) के बिना किया जा सकता है।

  • संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 69 के अनुसार, बंधक धन का भुगतान करने में चूक होने पर, बंधकदार बंधक संपत्ति को कोर्ट के हस्तक्षेप के बिना निम्नलिखित शर्तों के तहत बेच सकता है:
  1. बंधक एक अंग्रेजी बंधक होना चाहिए और बंधककर्ता में से कोई भी हिंदू, मोहम्मद और/या बौद्ध और/या राज्य सरकार के आधिकारिक राजपत्र में निर्दिष्ट (स्पेसिफाइ) किसी अन्य संप्रदाय (सेक्ट), जाति, जनजाति का सदस्य नहीं होना चाहिए;
  2. बंधकदार सरकार होना चाहिए और कोर्ट के हस्तक्षेप के बिना बिक्री की शक्ति, बंधक विलेख द्वारा स्पष्ट रूप से बंधकदार को प्रदान की जाती है;
  3. बंधक संपत्ति कलकत्ता, मद्रास और/या बॉम्बे और/या किसी अन्य शहर में स्थित होनी चाहिए, जैसा कि संबंधित राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया गया है और कोर्ट के हस्तक्षेप के बिना बिक्री की शक्ति बंधकदार पर स्पष्ट रूप से बंधक विलेख द्वारा प्रदान की जानी चाहिए।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उपर्युक्त बिक्री तभी प्रभावी (इफ़ेक्टिव) हो सकती है, जब बंधकदार बंधककर्ता को मूल राशि को चुकाने के लिए नोटिस देता है और बंधककर्ता लगातार तीन महीने के लिए भुगतान करने में चूक करता है या कुछ ब्याज का भुगतान न्यूनतम (मिनिमम) 500 रुपये देय होने के बाद तीन महीने के लिए बकाया होता है और अवैतनिक (अनपेड) होता है।

  • कोर्ट का आदेश प्राप्त करके बंधक संपत्ति की बिक्री

सिविल प्रोसीजर कोड, 1908 के नियम 4 आदेश XXXIV के तहत, बंधकदार सिविल कोर्ट में संपत्ति की बिक्री के लिए सूट में प्रारंभिक (प्रिलिमिनरी) डिक्री के लिए आवेदन (अप्लाई) करता है, जिसमें बंधककर्ता को अन्य खर्चों के साथ बंधक धन का भुगतान करने के लिए बुलाया जाएगा, जैसा कि कोर्ट द्वारा तय की गई तारीख पर या उससे पहले निर्धारित किया गया है। 

यदि बंधककर्ता उक्त धन का भुगतान करने में विफल रहता है, तो  सिविल प्रोसीजर कोड, 1908 के नियम 5 आदेश XXXIV के तहत बंधकदार अंतिम डिक्री प्राप्त करने/आवेदन करने का हकदार होता है, जिसमें बंधककर्ता को बंधक संपत्ति के अधिकारों से वंचित (डिबार) कर दिया जाता है और बंधकदार को बंधक संपत्ति को बेचने के लिए निर्देशित किया जाता है। बिक्री की आय को लागत, व्यय (एक्सपेंस), शुल्क और ब्याज के साथ समायोजित किया जाता है, और शेष राशि, यदि कोई हो, तो उसका भुगतान बंधककर्ता को किया जाता है।

  • बंधककर्ता द्वारा बंधक संपत्ति की बिक्री

  • हाउसिंग लोन के तहत बंधक संपत्ति की बिक्री

कभी कभी ऐसा होता है जब कोई व्यक्ति जिसने आवास कर्ज लिया है, वह अपनी संपत्ति बेचना चाहता है। ऐसे मामले में, खरीदार को विक्रेता द्वारा बताए गए तथ्यों को सत्यापित (वेरीफाई) करने के लिए बंधक संपत्ति पर उचित ध्यान देने की आवश्यकता होती है। यहां मैं आपको संक्षेप में बताऊंगा कि अगर वह एक ऐसी संपत्ति खरीदना चाहता है जो पहले से ही हाउसिंग लोन के तहत बंधक है तो उसे क्या करना होगा।

  1. ऐसे मामलों में, जहां किसी व्यक्ति ने आवास कर्ज लिया है, मूल दस्तावेज बैंक या वित्तीय संस्थान (फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस) के पास होंगे;
  2. संभावित (प्रोस्पेक्टिव) खरीदार के लिए बकाया कर्ज राशि का विवरण (डिटेल) प्रदान करने वाले बैंक से पत्र प्राप्त करना जरूरी है;
  3. संभावित खरीदार, संभावित विक्रेता की उपस्थिति में बैंक से मूल दस्तावेजों के निरीक्षण (इंस्पेक्शन) की मांग भी कर सकता है;
  4. एक बार, नियम और शर्तों पर बातचीत करने और उसे अंतिम रूप देने के बाद, संभावित विक्रेता को बैंक से अनापत्ति प्रमाण पत्र (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) प्राप्त करने की आवश्यकता होती है जिसमें यह लिखा होता है कि बैंक को बंधक संपत्ति की बिक्री से कोई आपत्ति नहीं है और एक बार लेन-देन समाप्त हो जाने के बाद, आवास कर्ज संभावित खरीदार के नाम पर स्थानांतरित (ट्रांसफर) किया जाता है और इंस्ट्रूमेंट यानी सेल के एग्रीमेंट/सेल डीड रजिस्ट्रार के कार्यालय में पंजीकृत (रजिस्टर्ड) हो जाता है।
  5. इंस्ट्रूमेंट, सेल के एग्रीमेंट/सेल डीड, को सभी नियमों और शर्तों को दर्ज करते हुए तैयार किया जाना चाहिए और उसमें स्पष्ट रूप से आवास कर्ज का उल्लेख किया जाना चाहिए।
  6. सेल डीड के पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) पर, आवास कर्ज को नए खरीदार के नाम पर स्थानांतरित किया जाता है और इस तरह बंधक संपत्ति की बिक्री समाप्त हो जाती है।
  • डेवलपर/बिल्डर द्वारा बंधक संपत्ति की बिक्री

वर्तमान में, यह रियल एस्टेट क्षेत्र में एक प्रथा है, जिसमें बिल्डर/डेवलपर मुफ्त बिक्री घटक (कंपोनेंट) यानी फ्लैट/अपार्टमेंट को गिरवी रख देता है, जिसे वह खरीदारों को बेचने के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों के साथ कर्ज प्राप्त करने के लिए बनाता है, ताकि निर्माण की लागत को पूरा करने के लिए कर्ज प्राप्त किया जा सके, इसलिए यहां केवल निर्माण से पहले फ्लैट/अपार्टमेंट गिरवी रखे जाते हैं।

अब, यदि कोई कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में एक फ्लैट खरीदने की इच्छा रखता है, जिसमें बिल्डर/डेवलपर ने पहले ही उस फ्लैट/अपार्टमेंट को गिरवी रख दिया है, जिसे संभावित खरीदार खरीदना चाहता है, तो उस स्थिति में, बिल्डर/डेवलपर को पहले फ्लैट/अपार्टमेंट की बिक्री के लिए आगे बढ़ने के लिए संबंधित बैंक/वित्तीय संस्थान से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी.) प्राप्त करना होगा।

उक्त एन.ओ.सी. प्राप्त करने के बाद, बिल्डर/डेवलपर और पार्टीज के बीच बिक्री के नियमों और शर्तों के अनुसार बिक्री के लिए समझौता कर सकता है। उक्त फ्लैट की खरीद के लिए किया जाने वाला भुगतान बैंक/वित्तीय संस्थान को डायवर्ट कर दिया जाएगा और इस तरह संपत्ति कर्ज से मुक्त हो जाएगी।

निष्कर्ष (कंक्लूज़न)

इस लेख में, बंधक की अवधारणा (कॉन्सेप्ट) को बिलकुल सरलता से समझाने की कोशिश की गई है। हालांकि, बंधक और संपत्तियों के बारे में जानने के लिए अभी भी बहुत कुछ है, इसलिए मैं आपको सलाह दूंगा कि जब भी आप कोई संपत्ति खरीदना चाहें तो कानूनी सलाह या मदद लें। इस सुझाव का मुख्य कारण यह है कि यह उद्योग (इंडस्ट्री) बहुत बड़ा है और इसमें बहुत सारी कानूनी चीजें शामिल हैं। किसी पेशेवर की मदद लेना हमेशा संपत्ति खरीदने और बेचने को आसान बना देता है।

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