टॉर्ट कानून में अभिभावक और बच्चे के संबंध के मामले में प्रतिनिधिक दायित्व

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Tort Law

यह लेख ग्रेटर नोएडा के लॉयड लॉ कॉलेज में बीए एलएलबी की पांचवे वर्ष की छात्रा Shubhangi Sharma ने लिखा है। यह लेख अभिभावक (गार्जियन) और बच्चे के संबंध के मामले में प्रतिनिधिक दायित्व (वाइकेरियस लाइबिलिटी) पर चर्चा करता है। इस लेख का अनुवाद Sameer Choudhary ने किया है।

प्रतिनिधिक दायित्व का अर्थ

प्रतिनिधिक दायित्व एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक पक्ष को तीसरे पक्ष के गैरकानूनी कार्यों के लिए आंशिक या पूर्ण रूप से जिम्मेदार ठहराया जाता है। तीसरा पक्ष भी दायित्व का हिस्सा है। प्रतिनिधिक दायित्व उन स्थितियों में उत्पन्न हो सकता है जहां एक पक्ष को जिम्मेदार ठहराया जाता है (और तीसरे पक्ष का नियंत्रण होता है) और वह उस जिम्मेदारी को निभाने में लापरवाही करता है। प्रतिनिधिक दायित्व के मामले में दायित्व वह है जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के कार्य के लिए उत्तरदायी होता है। B द्वारा किए गए कार्य के लिए A का दायित्व उत्पन्न हो सकता है, यह आवश्यक है कि A और B के बीच एक निश्चित प्रकार का संबंध होना चाहिए, और गलत कार्य, एक निश्चित तरीके से, उस संबंध से जुड़ा होना चाहिए। ऐसे दायित्व के सामान्य उदाहरण है:

  1. अपने एजेंट के टॉर्ट के लिए प्रिंसिपल का दायित्व।
  2. एक-दूसरे के टॉर्ट के भागीदारों का दायित्व।
  3. कंपनी और उसके निदेशक (डायरेक्टर)।
  4. मालिक और स्वतंत्र ठेकेदार।
  5. अपने बच्चे के टॉर्ट के लिए माता-पिता का दायित्व।
  6. अपने सेवक के टॉर्ट के लिए स्वामी का दायित्व।

एक्सॉन वाल्डेज़ तेल स्पिल के मामले में, एक्सॉन शिपिंग कंपनी उन घटनाओं की एक श्रृंखला के लिए प्रतिनिधिक दायित्व के तहत आई, जिसके कारण 10.8 मिलियन गैलन कच्चा तेल समुद्र में फैल गया और तट को प्रभावित किया। अन्य कारकों के अलावा, कंपनी को कप्तान की ओर से पर्यवेक्षण (सुपरविजन) की कमी, तेल टैंकर में सवार चालक दल के सदस्यों की थकान के साथ-साथ रडार उपकरणों (इक्विपमेंट) की स्थिति, जो जहाज को आगे बढ़ने से रोकने में मदद कर सकती थी, के लिए दोषी ठहराया गया था। हालांकि नियोक्ता (एंप्लॉयर) वह नहीं है जो एक गैरकानूनी कार्य करता है, लेकिन तब भी नियोक्ता को उत्तरदायी ठहराया जाता है क्योंकि वह अपने कर्मचारियों के कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है, जब वे काम पर होते हैं और अपने कर्मचारियों द्वारा किए गए किसी भी हानिकारक कार्य को रोकने या सीमित करने में सक्षम माना जाता है। नियोक्ता अवैध व्यवहार को रोकने के लिए उचित देखभाल का उपयोग करके प्रतिनिधिक दायित्व से बचने में सक्षम हो सकते हैं।

इसके अलावा, भारत में नाबालिगों के लिए टॉर्ट के संदर्भ में कोई मौजूदा कानून नहीं है। लेकिन हमारे पास आपराधिक कानून में एक प्रावधान है कि 7 साल से कम उम्र के बच्चे को अपराध के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। अब, यदि हमारे पास आपराधिक कानून में कोई प्रावधान है, तो अभी तक एक अधिनियम पारित क्यों नहीं किया गया है, जो कि टॉर्ट और नाबालिग को ध्यान में रखता है, इस तथ्य को जानते हुए भी कि नाबालिग अपराध करने के बजाय अधिकांश समय नागरिक गलतियाँ करता है।

प्रतिनिधिक दायित्व दो कानूनी सिद्धांतों पर आधारित है

क्विट फेसिट पर एलियम फेसिट पर से

यह कहावत प्रिंसिपल और एजेंट के मामले में भी लागू होती है। जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को किसी विशेष कार्य को करने के लिए अधिकृत (ऑथराइज) करता है, तो वह प्रिंसिपल बन जाता है और कर्ता एजेंट बन जाता है। इस मामले में, एजेंट के कार्य के लिए प्रिंसिपल उत्तरदायी हो जाता है। क्विट फेसिट पर एलियम फेसिट पर से प्रतिनिधिक दायित्व की कानूनी कहावत है। इसका अर्थ यह भी है कि कर्मचारी के काम के लिए नियोक्ता (या वरिष्ठ (सीनियर)) जिम्मेदार है।

रेस्पोंडीएट सुपीरियर 

इस कानूनी कहावत का अर्थ है “सुपीरियर को उत्तरदायी होने दें”। अगर हमें इस कहावत को समझना है तो हम दैनिक जीवन का उदाहरण ले सकते हैं यानी हम अक्सर वरिष्ठों को स्थगन (एडजोरमेंट) लेने या आवेदन दाखिल करने के लिए अपने से छोटे पद वालो को भेजते हुए देखते हैं। यदि छोटे पद पर काम कर रहा व्यक्ति कार्य को अच्छी तरह से समझने में सक्षम नहीं है या कुछ प्रतिबद्धता (कमिटमेंट) बनाकर अपने कानूनी कौशल को दिखाने की कोशिश करता है, भले ही वरिष्ठ व्यक्ति द्वारा विशेष रूप से निर्देश न दिया गया हो, तो उस स्थिति में, वरिष्ठ व्यक्ति न्यायाधीश और ग्राहकों को भी जवाब देने के लिए जिम्मेदार है।

बच्चों के टॉर्ट में माता-पिता का दायित्व

माता-पिता की बात करें तो, उन्हें उत्तरदायी ठहराया जा सकता है जब वह बच्चा टॉर्ट के लिए उत्तरदायी है और माता पिता अपने बच्चे की देखभाल के लिए प्रत्यक्ष कर्तव्य को निभाते है। कुछ माता-पिता जिन्होंने माता-पिता जिम्मेदारी कानूनों के तहत मुकदमों का सामना किया उन्होने तर्क दिया है कि कानून माता-पिता के अधिकारों में हस्तक्षेप करते हैं, क्योंकि माता-पिता की खराब देखरेख को परिभाषित करने के दौरान, कानून को यह परिभाषित करना चाहिए कि “अच्छे” माता-पिता का क्या मतलब है? जबकि माता-पिता को अपने बच्चों की देखभाल करने का मौलिक अधिकार है, जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय ने माना है, यह अधिकार बच्चे की गतिविधि की निगरानी करने और उन पर नियंत्रण रखने के कर्तव्य के साथ आता है। न्यायालयों ने नियमित रूप से यह माना है कि जब वे उस कर्तव्य को पूरा करने में विफल होते हैं तो माता-पिता को जवाबदेह ठहराकर लोक कल्याण को बढ़ावा देने में राज्यों की एक अनिवार्य रुचि होती है। यह वह आधार है जिस पर अदालतें माता-पिता की जिम्मेदारी के कानूनों का पालन करती हैं। एक सामान्य नियम के रूप में, एक बच्चे के टॉर्ट के लिए माता-पिता या अभिभावक को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है। इस नियम में दो अपवाद हैं:

जब बच्चा पिता का नौकर या एजेंट होता है, तो पिता बच्चे के कार्य के लिए प्रतिनिधिक रूप से उत्तरदायी होते है। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि, ऐसे मामले में, पिता अपने पिता के रूप में नहीं, बल्कि एक नियोक्ता या प्रिंसिपल की हैसियत से बेटे के टॉर्ट के लिए उत्तरदायी है।

हैगर्टी बनाम पॉवर्स (1885) के मामले में, हैगर्टी में, एक ग्यारह वर्षीय लड़के ने एक अन्य बच्चे को गोली मारकर घायल कर दिया था। वादी ने दलील दी कि पिस्तौल को संभालने में लापरवाही से पिता ने “अपने नाबालिग बच्चे को पिस्तौल से नुकसान होने दिया”। उन शब्दों के बावजूद, अदालत ने तब भी यह पाया कि माता-पिता अपने बेटे के कार्यों के लिए आर्थिक रूप से जिम्मेदार नहीं थे।

जब एक पिता स्वयं अपनी लापरवाही से अपने बच्चे को टॉर्ट करने का अवसर देते है, तो वे उत्तरदायी होते है।

बेबी बनाम सेल्स के मामले में, पिता ने अपने 15 साल के बेटे को एक एयरगन ला कर दी। बंदूक के कारण हुई शरारत की इतनी शिकायतों के बाद भी, उन्होने बंदूक को लड़के के पास रहने दिया, जिसने गलती से वादी को घायल कर दिया। इसके लिए पिता को जिम्मेदार ठहराया गया। 

ऐतिहासिक रूप से, अंग्रेजी और अमेरिकी आम कानून के तहत, माता-पिता केवल अपने माता-पिता/बाल संबंधों के आधार पर अपने बच्चों के टॉर्ट के कार्यों के लिए उत्तरदायी नहीं थे। सिविल में माता-पिता द्वारा गलत भागीदारी के लिए माता-पिता को उत्तरदायी बनाना आवश्यक था। भागीदारी में बच्चे के कदाचार (मिसकंडक्ट) या दुर्व्यवहार को प्रोत्साहित करना या उस पर ध्यान केंद्रित करना, बच्चे को गलत आचरण में शामिल होने में सक्षम बनाना या बच्चे के प्रकट रूप से खतरनाक आचरण पर नजर रखना शामिल हो सकता है।

एक किशोर जिसने लापरवाही से अपनी गाड़ी से किसी के वाहन को टक्कर मार दी, ने सामान्य कानून के तहत एक टॉर्ट किया, लेकिन उसके माता-पिता को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता अगर  उनके पास यह जानने का कोई कारण नहीं था कि वह लापरवाही से गाड़ी चला रहा होगा। लेकिन इससे घायल लोगों को उनके नुकसान के मुआवजे के स्रोत के बिना छोड़ दिया गया। अब, अमेरिका के सभी 50 राज्यों में किसी न किसी प्रकार के कानून हैं जो माता-पिता को अपने बच्चों के कदाचार से होने वाले नुकसान के लिए उत्तरदायी ठहराते हैं। इनमें से कई कानूनों के तहत, बच्चे के आचरण के बारे में माता-पिता की जानकारी की कमी अप्रासंगिक (इररिलेवेंट) है, और माता-पिता बच्चे की लापरवाही या गलत काम के कारण हुए नुकसान के लिए उत्तरदायी हैं। यह एक रूप है जिसे “प्रतिनिधिक दायित्व” के रूप में जाना जाता है।

आपराधिक कानून के विपरीत, किसी व्यक्ति द्वारा गलत इरादे या किसी नागरिक द्वारा गलत काम के मामले में सबूत के बिना किए गए नागरिक गलत कामों के मामलों में व्यक्तिगत दायित्व लागू किया जा सकता है। इस सिद्धांत का औचित्य (जस्टिफिकेशन) यह है कि समाज को, नुकसान या चोट के बोझ को उस व्यक्ति को स्थानांतरित (ट्रांसफर) करने से लाभ होता है जो इसे सहन करने में सक्षम है। अपने बच्चों के हानिकारक कार्यों के लिए माता-पिता के दायित्व के मामले में, माता-पिता स्वयं अपने बच्चों की तुलना में बच्चों के आचरण से होने वाले नुकसान से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में हैं, जो आमतौर पर किसी ऐसे व्यक्ति को क्षतिपूर्ति प्रदान कर सकते हैं जो उनके बच्चों के कार्य के कारण घायल हुआ है।

अपने बच्चे के प्रति माता-पिता का नागरिक दायित्व

अपने बच्चों के कार्यों के लिए माता-पिता के नागरिक दायित्व के संबंध में अमेरिका में प्रत्येक राज्य का अपना कानून है। माता-पिता को अपने बच्चों के हानिकारक कार्यों के लिए उसी तरह जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जैसे नियोक्ता अपने कर्मचारियों के हानिकारक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। कानून की इस अवधारणा को आमतौर पर प्रतिनिधिक दायित्व के रूप में जाना जाता है। इसलिए, माता-पिता अपने बच्चे द्वारा किए गए नुकसान के लिए अप्रत्यक्ष या प्रतिनिधिक रूप से उत्तरदायी होते हैं। माता-पिता के विभिन्न नागरिक दायित्व और तरीके हैं जिस तरह से माता-पिता को अपने बच्चों के कार्यों के लिए हर्जाना देने के लिए मजबूर किया जा सकता है।

पीड़ित को मुआवजा देने का दायित्व

विभिन्न राज्य माता-पिता को अपने बच्चों के कारण हुए नुकसान के लिए वित्तीय रूप से उत्तरदायी घोषित करते हैं। जब कोई बच्चा 18 वर्ष की आयु प्राप्त करता है (अब नाबालिग नहीं) तो माता-पिता अपने बच्चों की नागरिक गलतियों के लिए हर्जाना देने के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। वयस्कता (मेजोरिटी) की आयु प्राप्त करने के बाद, एक नाबालिग पर माता-पिता के अधिकारों की समाप्ति होती है, माता-पिता को अब बच्चे के कार्य के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाएगा क्योंकि बच्चे और माता-पिता का कानूनी संबंध समाप्त हो गया है। अमेरिका के कुछ राज्यों में, सरकार ने माता-पिता की देनदारी की राशि पर कुछ सीमा लगा दी है। नागरिक दायित्व अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होते हैं। कुछ ऐसे कार्य हैं जिनमें माता-पिता की जिम्मेदारी शामिल है। वे हैं:

  1. सरकार या स्कूल की संपत्ति के साथ बर्बरता।
  2. राष्ट्रीय और राज्य के झंडे, कब्रिस्तान के हेडस्टोन, सार्वजनिक स्मारक (मॉन्यूमेंट) या ऐतिहासिक चिह्न का विनाश।
  3. जाति या धर्म के आधार पर घृणा अपराधों में संपत्ति को नष्ट करना।

इन कार्यों के संबंध में की गई व्यक्तिगत क्षति, क्षति के भुगतान के लिए माता-पिता के दायित्व को जन्म देगी।

लापरवाह पर्यवेक्षण

माता-पिता बच्चे के लापरवाही के कार्य के लिए उत्तरदायी होते हैं यदि माता-पिता अपने बच्चे के द्वारा किए गए नागरिक गलत के बारे में स्पष्ट रूप से जानते हैं या उनके पास नागरिक गलत के बारे में जानने का कारण है जो बच्चे को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है और माता-पिता ने उसे करने से रोकने के लिए कुछ उचित कार्रवाई नहीं करके अपनी ओर से एक लापरवाह भूमिका निभाई है। इसलिए, रॉबर्टसन बनाम वेन्ट्ज़ के मामले में, अदालत ने कहा कि ” रिश्ते की बजाय एक बच्चे को  नियंत्रित करने की क्षमता, उसके माता-पिता की ओर से दायित्व की खोज का आधार है। ऐसी क्षमता का अभाव कानूनी जिम्मेदारी के दावे के लिए घातक है। नियंत्रण करने की क्षमता का अनुमान माता-पिता के नाबालिग बच्चे के साथ संबंध से ठीक उसी प्रकार लगाया जाता है जिस प्रकार यह उस संरक्षक के रिश्ते से लगाया जाता है जो नाबालिग के कार्य के लिए जवाबदेह होता है; फिर भी यह विशेष परिस्थितियों में अस्वीकृत हो सकता है”।

दूसरे शब्दों में, सबूत के द्वारा यह दिखाया जाना चाहिए कि माता-पिता का कर्तव्य था कि वह बच्चे को एक उचित व्यक्ति के रूप में एक निश्चित सीमा तक, कुछ नागरिक गलत करने से रोकें; जिसका अर्थ है कि किसी प्रकार का शारीरिक नियंत्रण मौजूद होना चाहिए और ध्यान दिया जाना चाहिए कि बच्चे में एक निश्चित तरीके से कार्य करने की प्रवृत्ति (टेंडेंसी) है, चाहे यह कार्य पूर्वाभास योग्य था या नहीं। इस तरह के तथ्य में एक गहन जांच शामिल होती है जो आमतौर पर आसानी से जवाबदेह नहीं होती है। इस बिंदु तक पहुंचने की कुंजी के लिए यह दिखाने के लिए बहुत सारे सबूत हैं कि माता-पिता को पता होना चाहिए कि उनके बच्चे ने किस तरह के कार्यों किए हैं जिससे उस व्यक्ति को नुकसान पहुंचा है या वह घायल हो गया है। लापरवाही का दायित्व केवल माता-पिता तक ही सीमित नहीं है। यदि कोई बच्चा दादा-दादी, अभिभावकों या किसी अन्य व्यक्ति की अभिरक्षा (कस्टडी) में है, जिसका उस पर नियंत्रण है, तो उसके द्वारा किए गए कार्य के लिए वह उत्तरदायी होगा।

महत्त्वपूर्ण निर्णय

न्यूटन बनाम एडगर्ली के मामले में, पिता को उत्तरदायी ठहराया गया था जब उसने अपने 12 वर्षीय बेटे (जो अपने वर्षों के लिए युवा था) को उचित निर्देशों के बिना 710 राइफल दीं और जिसके परिणामस्वरूप एक दुर्घटना हुई।

एमरी बनाम एमरी में, कैलिफोर्निया की अदालत ने फैसला किया कि माता-पिता जानबूझकर कदाचार के लिए टॉर्ट में कार्रवाई के अधीन हैं (शिकायत का आरोप है कि एक नाबालिग बच्चा अपने पिता के निर्देशन में एक वाहन चला रहा था, वह अकुशल था, 24 घंटो से सोया नहीं था, और वाहन की गति अत्यधिक थी-माता-पिता को ज्ञात था)। इस मामले में माता-पिता जिम्मेदार होंगे।

निष्कर्ष

विशेष रूप से, हम विभिन्न स्थितियों को पहचानते हैं जिनमें एक नाबालिग पर मुकदमा चलाया जा सकता है। जैसा कि चर्चा की गई है, अवयस्क के साथ उसकी आयु के बाहर तर्कसंगतता (रीजनेबिलिटी) के आधार पर व्यवहार किया जाना चाहिए। एक माता-पिता, अभिभावक या अन्य जिनके पास बच्चे की अभिरक्षा है, वह उसके द्वारा किए गए नागरिक गलत और उसके द्वारा हुई क्षति और चोट के लिए भी उत्तरदायी होंगे। माता-पिता नुकसान के लिए दंड या मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं। अगर बच्चा नाबालिग है यानी 18 साल से कम उम्र का है तो माता-पिता को उसकी नागरिक गलतियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यदि बच्चा वयस्कता की आयु प्राप्त कर चुका है, तो उसके द्वारा टॉर्ट में हुए नुकसान की भरपाई के लिए माता-पिता उत्तरदायी नहीं होंगे।

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