क्या करें जब पत्नी या प्रेमिका आत्महत्या करने की धमकी दे

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Indian Penal Code
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इस ब्लॉग पोस्ट में, Anubhav Pandey ने पत्नी या प्रेमिका द्वारा आत्महत्या करने की धमकी देने की स्थिति में आवेदन करने की प्रक्रियाओं के बारे में बात की है। इस लेख का अनुवाद Sakshi Gupta द्वारा किया गया है।

परिचय

कानून का इस्तेमाल दूसरों को जबरदस्ती, जबरन वसूली (एक्सटॉर्ट) या ब्लैकमेल करने के लिए एक उपकरण के रूप में करना, अपने आप में एक गैरकानूनी कार्य है। आज के परिदृश्य में, लैंगिक समानता के उद्देश्य से बनाए गए कानूनों का कुछ लोगों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है।

क्या आपकी पत्नी या प्रेमिका ने कभी आत्महत्या करने की धमकी दी है? उन स्थितियों में क्या करें, जहां एक आदमी को उसकी पत्नी या प्रेमिका या लिव-इन पार्टनर द्वारा आत्महत्या करने की धमकी दी जाती है?

पत्नी या प्रेमिका द्वारा आत्महत्या करने की धमकी के कानूनी उपाय

कुछ भी कानूनी शुरू करने से पहले, पहला सहारा शांतिपूर्ण बातचीत और समस्या पर पारस्परिक रूप से काम करके होना चाहिए। यदि इस उपाय से समाधान नहीं मिलता है, तो नीचे दिए गए उपायों का पालन करें।

आपराधिक धमकी

जब कोई उस व्यक्ति को चेतावनी देने के इरादे से प्रतिष्ठा को चोट पहुँचाने की धमकी देता है और उसे वह करने के लिए मजबूर करता है, जो वह करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है, तो इसे आपराधिक धमकी कहा जाता है।

यह प्रतिष्ठा, संपत्ति या स्वयं व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने का खतरा है और इन खतरों की कार्रवाई का कारण अक्सर गैरकानूनी होता है।

  • जब कोई प्रेमिका या पत्नी आत्महत्या करने की धमकी देती है, तो ऐसे मामलों में आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया जा सकता है।
  • विवाह के मामले में, तलाक के मामले या धारा 498A दर्ज करने की झूठी धमकी पत्नी या उसके परिवार के सदस्यों से आती है, जबकि पत्नी अक्सर अपने ससुराल वालों को आत्महत्या करने की धमकी देती है। यह आपराधिक धमकी के समान है।

ऐसी धमकियों का क्या करें?

  • यदि आपका साथी सुसाइड नोट छोड़ता है, तो पुलिस आपको धारा 306 आईपीसी के तहत, आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए मामला दर्ज कर सकती है।
  • दूसरी ओर, यदि वह कोई नोट नहीं छोड़ती है, लेकिन उसके परिवार और दोस्तों ने अपने बयान में आपका नाम आपके साथी की आत्महत्या का कारण बताया है, तो भी आप मुश्किल में होंगे।
  • विभिन्न मामलो के अनुसार, सभी लड़कियां जो अपने पति या प्रेमी को आत्महत्या की धमकी देती हैं, ऐसा कभी नहीं करती हैं। यह सलाह दी जाती है कि पुलिस स्टेशन का दौरा करें और इसके बारे में स्टेशन अधिकारी या निरीक्षक (इंस्पेक्टर) से बात करें।
  • थाने के स्थानीय एसएचओ को सूचित करें और एक आवेदन के माध्यम से उसे सूचित करें कि इस लड़की की आत्महत्या की प्रवृत्ति (टेंडेंसी) है और ऐसा होने पर आपको जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। उसके माता-पिता को इसकी सूचना दें और उसे काउंसलिंग में शामिल होने के लिए भी कहें।

एक मामले में प्रावधान को और स्पष्ट करने के लिए एक उदाहरण –

जब X ने Y से राशि की मांग की (जो उसने मामले के बचावकर्ता को दी), तो Y ने धमकी दी कि वह खुद को छुरा घोंपकर आत्महत्या कर लेगा। यह X को चेतावनी देने का इरादा था, जिससे वह Y के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं था, जिसके लिए वह एकत्र की गई राशि की वसूली के लिए कानूनी रूप से हकदार है।

X संपत्ति को नुकसान की धमकी के कारण, पैसे की वसूली करने में असमर्थ था। Y द्वारा आत्महत्या करने की धमकी आपराधिक धमकी के बराबर है। Y द्वारा X पर आपराधिक धमकी का एक गैरकानूनी खतरा प्रस्तावित किया गया था। इसलिए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि Y के उक्त कार्य आपराधिक धमकी के तहत अपराध के अवयवों (इंग्रेडिएंट्स) को आकर्षित करते हैं।

आत्महत्या करने की नियमित धमकियाँ क्रूरता के समान हैं – तलाक के लिए एक आधार

क्रूरता में शारीरिक और मानसिक क्रूरता दोनों शामिल हैं। पहले यह सोचा जाता था कि वास्तविक शारीरिक नुकसान या इसकी उचित आशंका, वैवाहिक अपराध का प्रमुख घटक है। इस सिद्धांत को अब अस्वीकार कर दिया गया है और आधुनिक दृष्टिकोण यह है कि मानसिक क्रूरता और भी गंभीर चोट का कारण बन सकती है और घायल पति या पत्नी के दिमाग में उचित आशंका पैदा कर सकती है कि दूसरी पार्टी के साथ रहना हानिकारक या असुरक्षित है।

यह सिद्धांत कि क्रूरता का अनुमान पूरे तथ्यों और पार्टियों के वैवाहिक संबंधों से लगाया जा सकता है और साक्ष्य द्वारा प्रकट उनके दैनिक जीवन में बातचीत मानसिक क्रूरता के शीर्ष के तहत आने वाले मामलों में अधिक दृढ़ता का है। इस प्रकार मानसिक क्रूरता को तथ्यों से स्थापित करना होगा।

तलाक के उद्देश्य के लिए क्रूरता को एक पति या पत्नी द्वारा दूसरे के प्रति व्यवहार के रूप में लिया जाना चाहिए, जो बाद वाले के मन में एक उचित आशंका पैदा करता है कि दूसरे के साथ वैवाहिक संबंध जारी रखना उसके लिए सुरक्षित नहीं है।

यदि पत्नी द्वारा तलाक करने की बार बार और नियमित धमकी दी जाती है, हालांकि पत्नी का ऐसा करने का इरादा नहीं है, तो यह मानसिक क्रूरता होगी और तलाक के लिए एक वैध आधार होगा।

आपराधिक धमकी के लिए दंड यह स्पष्ट करता है कि सजा आपराधिक धमकी के अपराध के गंभीर रूप के साथ खतरे के समानुपाती (प्रोपोर्शनल) है, जो कि किसी भी प्रकार के कारावास के साथ दंडनीय है, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

मानहानि

जब प्रेमिका मोहल्ले में जोर-जोर से चिल्ला-चिल्लाकर सीन बनाती है या जब वह दूसरों को बुलाती है और दूसरों के सामने अपना दुखड़ा रोती है, उसी समय आत्महत्या करने की धमकी देती है, तो मानहानि का मुकदमा दायर किया जा सकता है। मानहानि तब होती है जब किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है।

सिविल या आपराधिक मानहानि के लिए जाना, किसी की व्यक्तिगत पसंद है। मानहानि स्थापित करने के लिए कुछ आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।

  • पहला, मानहानिकारक सामग्री की उपस्थिति, जब एक प्रेमिका अपने साथी पर आरोप लगाती है और आत्महत्या करने की धमकी देती है, वो भी दूसरों के सामने, प्रेमी की प्रतिष्ठा निश्चित रूप से दूसरों के सामने कम हो जाएगी।
  • दूसरा, मानहानिकारक सामग्री में बदनाम व्यक्ति का उल्लेख होना चाहिए।
  • तीसरा, प्रकाशन, यानी किसी तीसरे पक्ष को मानहानि का पता होना चाहिए।

आत्महत्या करने की धमकी और पैसे की जबरन वसूली

ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जहाँ पत्नी या प्रेमिका किसी अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) पर हस्ताक्षर न करने या वस्तु की सुपुर्दगी (डिलिवरी) न करने पर आत्महत्या करने की धमकी देती है। ऐसी धमकियों के मामलों में क्या करें?  जबरदस्ती के तहत हस्ताक्षरित ऐसे अनुबंधों से कैसे निपटें?

ज़बरदस्ती करना गैरकानूनी है, जैसा कि आईपीसी में उल्लेख किया गया है। इसलिए, जब प्रेमी या पति एक अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं करते है, तो पत्नी या प्रेमिका आत्महत्या करने की धमकी देती है। ऐसा करने का प्रयास करने के लिए आत्महत्या करने का खतरा एक से अलग नहीं है और ऐसा प्रयास आईपीसी की धारा 309 द्वारा निषिद्ध है, जो इसे दंडित करता है।

मान लीजिए कि दो बहनें हैं, हेज़ी और डेज़ी। हेज़ी ने मिस्टर X से शादी की है। हेज़ी ने डेज़ी से कर्ज लिया और उसे वापस नहीं किया। उसे वापस भुगतान करने के लिए, हेज़ी ने X को धमकी दी कि या तो उपहार विलेख (डीड) पर हस्ताक्षर करें और डेज़ी को घर उपहार में दें, अन्यथा वह आत्महत्या कर लेगी। इसलिए मिस्टर X ने जबरदस्ती करते हुए अपनी सहमति दे दी। क्या ऐसे मामले में संपत्ति दे दी जाएगी?

उत्तर है, नहीं। आत्महत्या करने की धमकी, हालांकि, आईपीसी के प्रावधानों के अनुसार एक विशिष्ट अपराध नहीं है, लेकिन फिर भी, संहिता की भावना भी इसका समर्थन नहीं करती है। इसलिए, एक गैरकानूनी कार्य करने से कोई दूसरे को अनुबंध में प्रवेश करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।

क्या करें जब आत्महत्या की धमकी हकीकत में बदल जाए?

ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले, आत्महत्या करने वाला व्यक्ति आत्महत्या के पीछे के कारण के बारे में एक नोट या सुराग अवश्य छोड़ेगा। ऐसे में जहां एक युवती ने शादी के तुरंत बाद आत्महत्या कर ली, वह अपने पति की आय से नाखुश थी और अक्सर उसे गहने खरीदने की धमकी देती थी, नहीं तो वह आत्महत्या कर लेगी। एक दिन उसने अपने पति पर दोष मढ़ते हुए जहर पी लिया और अपने पीछे एक नोट छोड़ गई। ऐसे में पुलिस आपके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करेगी। इसलिए किसी को भी ऐसी स्थिति को बहुत समझदारी से संभालना चाहिए।

जब आपकी पत्नी या प्रेमिका आत्महत्या करने की धमकी देती है तो सावधानी बरतने के उपाय

  • लड़ाई न करें

अधिकांश मामले गंभीर नकारात्मक प्रभावों के साथ आते हैं। दरअसल, ऐसी स्थितियों में पत्नी को मानसिक जांच के लिए जोर देना चाहिए। अपनी पत्नी या प्रेमिका को चेक-अप के लिए जाने के लिए कहने के बावजूद, आपसी पारिवारिक विवाद समाधान सत्र के लिए एक साथ मनोचिकित्सक के पास जाए।

  • धमकियों के आगे न झुकें

पत्नी या प्रेमिका की धमकियों को छोड़ना फायदेमंद हो सकता है और थोड़े समय के लिए काम कर सकता है, लेकिन यह लंबे समय तक काम नहीं करेगा। आप ऐसे रिश्ते में नहीं रह पाएंगे, जिसकी बुनियाद जबरदस्ती और ब्लैकमेल पर टिकी है। यदि आप जानते हैं कि आप गलत नहीं हैं, तो अनावश्यक धमकियों के आगे झुकें नहीं।

  • खुद को बचाने के लिए निर्णय लें

सांख्यिकीय (स्टेटिस्टिकली) रूप से, जो लड़कियां आत्महत्या करने की धमकी देती हैं, वे आमतौर पर ऐसा नहीं करती हैं। लेकिन कल के बारे में कौन जानता है। यदि ऐसी स्थितियों में जहां वह आत्महत्या कर लेती है और आपका नाम पीछे छोड़ देती है, तो आप कुछ गंभीर संकट में पड़ सकते हैं। इसलिए आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि ऐसी धमकियों पर स्थिति की शिकायत करनी चाहिए और पत्नी या प्रेमिका की आत्महत्या की प्रवृत्ति का उल्लेख करना चाहिए।

अपने साथी या पत्नी / प्रेमिका से धमकियाँ मिलना बहुत सामान्य बात है यदि वह आपसे खुश नहीं है या उसके मन का नहीं हो रहा है। ऐसे में बस एक गहरी सांस लें और पोस्ट में बताए गए निर्देशों का पालन करें।

सन्दर्भ

  • मुल्ला का हिंदू कानून, 17वां संस्करण, वॉल्यूम द्वितीय, पी.  91
  • परवीन मेहता बनाम इंद्रजीत मेहता, (2002) 5 एससीसी 706

 

 

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