आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35AD

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Income Tax Act

यह लेख निरमा विश्वविद्यालय के लॉ इंस्टीट्यूशन की कानून की छात्रा Daisy Jain ने लिखा है। यह लेख आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35AD की व्याख्या करता है। यह लेख धारा 35AD के तहत कटौती का दावा करने की शर्तों और उसी के लिए पात्रता (एलिजिबिलिटी) की शर्तों के बारे में भी बात करता है। इस लेख का अनुवाद Sakshi Gupta द्वारा किया गया है।

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परिचय

कुछ वाणिज्यिक (कमर्शियल) क्षेत्रों को भारत सरकार द्वारा राष्ट्र के विकास और सफलता के लिए आवश्यक होने के रूप में नामित किया गया है। पेट्रोलियम और गैस पाइपलाइनों से संबंधित कुछ उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए, सरकार 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 35AD के तहत कर कटौती की पेशकश करती है। आप इस लेख में धारा 35AD के तहत निर्दिष्ट व्यवसाय के लिए कर में कटौती, कटौती को अधिकृत (ऑथराइज) करने के लिए पात्रता मानदंड (क्राइटेरिया) और धारा 35AD के तहत निर्दिष्ट व्यवसाय के बारे में जानेंगे।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35AD

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35AD के अनुसार, एक निर्धारिती (ऐसेसी) पिछले वर्ष जिसमें ऐसे व्यय (एक्सपेंडिचर) को वहन किया जाता हो, के दौरान उसके द्वारा किए गए किसी भी निर्दिष्ट व्यवसाय के उद्देश्य के लिए, अर्जित (एक्यूर्ड) किसी भी पूंजीगत (कैपिटल) व्यय की पूरी राशि के संबंध में कटौती का हकदार होगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी भी भूमि, वित्तीय साधन या संपत्ति की खरीद के लिए किए गए व्यय, धारा 35AD के तहत कटौती के लिए पात्र नहीं हैं। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति एक ही दिन में 10,000 रुपये से अधिक का भुगतान प्राप्त करता है, चाहे वह नकद, बियरर चेक या क्रॉस चेक में किया गया हो, तो कटौती नहीं की जा सकती है।

धारा 35AD निर्दिष्ट व्यवसायों के लिए एक निवेश-लिंक्ड कर क्रेडिट प्रदान करती है। नेटवर्क के लाभकारी तत्व के रूप में भंडारण क्षमताओं के साथ हस्तांतरण (ट्रांसमिशन) के लिए क्रॉस-कंट्री प्राकृतिक गैस या पेट्रोलियम तेल पाइपलाइन नेटवर्क का निर्माण और चलाना एक ऐसा निर्दिष्ट व्यवसाय है। यदि आपकी कंपनी हस्तांतरण के लिए क्रॉस-कंट्री प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों का एक नेटवर्क स्थापित करती है और उसका रखरखाव करती है, तो आप रिवॉर्ड के लिए योग्य हैं। धारा 35AD पिछले वर्ष के दौरान कंपनी की आय से किए गए पूंजीगत व्यय की 100% कटौती की अनुमति देती है।

अकाउंट (ए/सी) पेयी ड्राफ्ट, ए/सी पेयी चेक या इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ईसीएस) के अलावा किसी अन्य रूप में किए गए भुगतान कटौती के लिए योग्य नहीं हैं। न तो किसी अचल संपत्ति, या वित्तीय साधन की खरीद पर किए गए व्यय कटौती के लिए योग्य हैं।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35AD को 8 उप-वर्गों में विभाजित किया गया है, जिन्हें अब हम विस्तार से समझेंगे।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD(1)

पूंजी की प्रकृति में किए गए किसी भी व्यय के लिए निर्धारिती को कटौती का अधिकार है। निर्धारिती द्वारा पहले पूर्ण या अनन्य रूप से निर्दिष्ट व्यवसाय के उद्देश्य के लिए किया गया व्यय इसमें शामिल है। लेकिन किसी भी निर्दिष्ट व्यवसाय के लिए व्यय पर कटौती की अनुमति केवल एक शर्त पर दी जाती है, जो पिछले वर्ष के लिए है जब निर्धारिती व्यवसाय संचालन करता है। कटौती के लिए दो शर्तें पूरी होनी चाहिए:

  1. निर्दिष्ट व्यवसाय के संचालन शुरू होने से पहले व्यय किया जाता है; तथा
  2. जिस दिन निर्धारिती का संचालन शुरू हुआ, उस राशि को उसके खातों की पुस्तकों में पूंजीकृत किया गया था।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD(2)

धारा 35AD (2) निर्दिष्ट व्यवसाय के बारे में बात करती है जिसके लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए:

  1. निवेश बंटवारे या पुनर्निर्माण (रिकंस्ट्रक्शन) के माध्यम से नहीं होना चाहिए।
  2. प्लांट और मशीनरी नई होनी चाहिए और पहले से ही नामित उद्यम (डिजिग्नेटेड एंटरप्राइज) के किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं की जानी चाहिए।
  3. व्यवसाय का स्वामित्व कंपनी अधिनियम के तहत भारत में पंजीकृत (रजिस्टर्ड) किसी कंपनी के पास होना चाहिए या किसी प्राधिकरण (अथॉरिटी) या बोर्ड द्वारा या किसी केंद्रीय अधिनियम या क़ानून के तहत स्थापित संघ के पास होना चाहिए। इस तरह के व्यवसाय को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक (रेगुलेटरी) बोर्ड द्वारा अधिकृत (ऑथराइज) किया जाना चाहिए, और केंद्र सरकार को इस बारे में आधिकारिक राजपत्र में घोषणा करनी चाहिए। व्यवसाय इस प्रकार का हो सकता है कि व्यवसाय इकाई ने राज्य सरकार या किसी वैधानिक (स्टेच्यूटरी) निकाय के साथ किसी भी नई बुनियादी सुविधा को विकसित करने या बनाए रखने के लिए एक समझौता किया है।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD(3)

इस धारा के तहत किसी भी निर्दिष्ट व्यवसाय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जा सकती है यदि यह किसी निर्धारण (असेसमेंट) वर्ष के लिए है। आयकर अधिनियम की धारा 10AA और अध्याय VIA के प्रावधान के तहत कटौती की अनुमति नहीं है। यह अध्याय निर्दिष्ट व्यवसाय के कुछ व्यवसायों में कटौती के बारे में बात करता है।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD(4)

निर्धारिती इस धारा के तहत उप-धारा (1) में उल्लिखित व्ययों के लिए या अन्य प्रावधान के अनुसार किसी पूर्व वर्ष में किसी भी कटौती का हकदार नहीं होगा।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD(5)

धारा 35AD (5) उन निर्दिष्ट व्यवसायों के बारे में बात करती है जिन पर यह प्रावधान लागू होगा। यह विभिन्न प्रकार के निर्दिष्ट व्यवसायों के बारे में बात करता है जो कटौती के हकदार हैं। उदाहरण के लिए, व्यवसाय एक क्रॉस-कंट्री प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने और प्रबंधित करने की प्रकृति में है या व्यवसाय की प्रकृति ऐसी है जो एक नए अस्पताल का संचालन कर रहे है जिसमें रोगियों के लिए कम से कम 100 बिस्तरों की क्षमता है या कम से कम दो स्टार या उससे ज्यादा की श्रेणी का एक नया होटल बनाना शामिल है।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD (6)

अपने व्यवसाय का संचालन करने वाले निर्धारिती को पूंजी की प्रकृति में व्यय की राशि के लिए 1 अप्रैल 2010 से शुरू होने वाले निर्धारण वर्ष से संबंधित पूर्व वर्ष के लिए अतिरिक्त कटौती मिलेगी। लेकिन इस अतिरिक्त कटौती के लिए दो शर्तें हैं:

  1. व्यवसाय का संचालन 1 अप्रैल 2007 को या उसके बाद शुरू होना चाहिए और इसकी समाप्ति 31 मार्च 2009 को होनी चाहिए।
  2. पिछले वर्ष में निर्धारिती को कोई पूर्व कटौती स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD(7)

कोई भी संपत्ति जिसके लिए इस धारा के तहत कटौती का अनुरोध किया गया है और अनुमति दी गई है, का उपयोग विशेष रूप से पहचाने गए व्यवसाय के लिए जिस वर्ष से संपत्ति खरीदी या बनाई गई थी से आठ साल की अवधि के लिए किया जाना चाहिए।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD(8)

धारा 35AD (8) निम्नलिखित परिभाषाओं से संबंधित है:

  • संबद्ध व्यक्ति

एक व्यक्ति जो प्रशासन (एडमिनिस्ट्रेशन), निर्देशन, या निर्धारिती की पूंजी में या तो स्पष्ट रूप से या परोक्ष (इंप्लीसिट) रूप से या एक या अधिक मध्यस्थों (इंटरमीडियरीज) के माध्यम से संलग्न है; एक व्यक्ति जो आधे से अधिक प्रबंधन बोर्ड या ट्रस्टी बोर्ड के सदस्यों को नियंत्रित करता है; या एक या अधिक कार्यकारी (एग्जिक्यूटिव) बोर्ड के सदस्य या निर्धारिती की प्रबंधन समिति के कार्यकारी निदेशक; एक व्यक्ति जो स्पष्ट रूप से या परोक्ष रूप से, निर्धारिती की पूंजी में डाले गए वोटों का कम से कम 26% मत धारण करता है; और एक व्यक्ति जो निर्धारिती की कुल देनदारियों के कम से कम 10% का आश्वासन देता है, शामिल है।

  • कोल्ड चेन सुविधा

यह कृषि और वानिकी (फॉरेस्ट्री) उत्पादों के वैज्ञानिक रूप से विनियमित परिवहन (ट्रांसपोर्टेशन) या भंडारण के लिए सुविधाओं, मांस और मांस के पदार्थ; पशुधन (लाइवस्टॉक); समुद्री और दूध उत्पाद; बागवानी (हॉर्टिकल्चर) और मधुमक्खी पालन की वस्तुएं; और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ के एक नेटवर्क को संदर्भित करता है; यह निर्धारिती के उधार को भी संदर्भित करता है।

  • निर्दिष्ट व्यवसाय

यह निम्नलिखित में से किसी एक या अधिक गतिविधियों को संदर्भित करता है: 

  1. कोल्ड चेन सुविधा की स्थापना और संचालन;
  2. कृषि उत्पादों के संरक्षण के लिए एक सुविधा स्थापित करना और चलाना।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35AD के तहत पात्रता की शर्तें

एक व्यवसाय के लिए आयकर अधिनियम की धारा 35AD के तहत कटौती के लिए पात्र होने के लिए, उसे नीचे सूचीबद्ध आवश्यकताओं को पूरा करना होगा:

  • एक अधिकृत व्यवसाय शुरू करने के लिए किसी मौजूदा कंपनी का पुनर्निर्माण या विभाजन आवश्यक नहीं होना चाहिए।
  • उपकरण या प्लांट को स्थानांतरित करना जो पहले अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया गया था, को एक निर्दिष्ट व्यवसाय शुरू करने का हिस्सा नहीं होना चाहिए।
  • जब अनुमत गतिविधि में कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, या पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन या भंडारण के लिए एक क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन नेटवर्क का संचालन और निर्माण होता है तो:
  1. कंपनी को भारत में स्थापित और पंजीकृत करने की आवश्यकता है।
  2. इसे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) से अनुमोदन (अप्रूवल) की आवश्यकता होती है।
  3. इसने अपनी कुल पाइपलाइन का कम से कम एक हिस्सा पीएनजीआरबी नियमों के अनुसार एक सामान्य वाहक आधार पर उपयोग के लिए उपलब्ध कराया होगा।
  4. इसके अलावा, इसे सूचीबद्ध आवश्यकताओं को पूरा करने की आवश्यकता है।
  • जब एक निर्दिष्ट व्यवसाय वर्तमान बुनियादी ढांचे के संसाधन (रिसोर्सेज) का निर्माण, संचालन और रखरखाव करते समय प्रबंधन करता है तो:
  1. कंपनी भारत में बनाई और पंजीकृत होनी चाहिए।
  2. इसने मौजूदा बुनियादी ढांचे के विकास, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव के लिए एक वैधानिक संगठन, एक स्थानीय सरकार, राज्य या संघीय सरकार के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने चाहिए।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 35AD के तहत दी गई कटौती की राशि

पैरामीटर  धारा 35AD के तहत दी गई कटौती पूर्वापेक्षाएँ (प्रीरिक्विजाइट), यदि कोई हों
निर्दिष्ट व्यवसाय की शुरुआत से पहले किए गए पूंजीगत व्यय शुरू करने के बाद पहले वर्ष में, व्यय के 100% की कटौती की अनुमति है। कटौती तभी संभव है जब व्यवसाय शुरू होने के दिन देय खातों में व्यय राशि जमा हो।
निर्दिष्ट व्यवसाय की शुरुआत के बाद किए गए पूंजीगत व्यय व्यय के 100% की कटौती की अनुमति उस वर्ष में दी जाती है जब व्यय किया जाता है। ऐसी कोई शर्त नहीं है।

आयकर अधिनियम की धारा 35AD के तहत निर्दिष्ट व्यवसाय

‘निर्दिष्ट व्यवसाय’ का अर्थ धारा 35AD(8)(c) द्वारा शामिल किया गया है, जबकि किस तारीख को ऐसी फर्मों को परिचालन शुरू करना चाहिए था, वह धारा 35AD(5) द्वारा शामिल किया गया है। सरकार कभी-कभी आयकर अधिनियम की धारा 35AD के तहत सूचीबद्ध निर्दिष्ट व्यवसायों के अलावा नई फर्मों जो देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, को स्वीकार करती है। वे अपने पूंजीगत व्यय के लिए 100% कटौती के पात्र हैं। इन कानूनों के दुरुपयोग और शोषण को रोकने के लिए, सरकार ने उपयुक्त शर्तें जोड़ी हैं और आवश्यक समायोजन (एडजस्टमेंट) किए हैं। आयकर अधिनियम की धारा 35AD के अंतर्गत आने वाले उद्यमों को निम्न तालिका (टेबल) में दिखाया गया है:

व्यवसाय प्रारंभ होने की तिथि निर्दिष्ट व्यवसाय
01.04.2017 को या उसके बाद कोल्ड चेन सुविधा की स्थापना और संचालन करना।
01.04.2014 को या उसके बाद विशेष रूप से कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए एक गोदाम सुविधा का निर्माण और संचालन करना।
01.04.2014 को या उसके बाद विशेष रूप से चीनी के भंडारण के लिए गोदाम की स्थापना और संचालन करना।
01.04.2012 को या उसके बाद प्राकृतिक गैस, कच्चे तेल और पेट्रोलियम के वितरण (डिलीवरी) के लिए पाइपलाइनों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाना। एक भंडारण सुविधा भी इसका हिस्सा है।
01.04.2012 को या उसके बाद भारत में कहीं भी कम से कम दो स्टार होटल की स्थापना और संचालन करना।
01.04.2012 को या उसके बाद भारत में मरीजों के लिए कम से कम 100 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाना और चलाना।
01.04.2011 को या उसके बाद स्लम बहाली (रेस्टोरेशन) के लिए एक आवास परियोजना का निर्माण करना।
01.04.2011 को या उसके बाद एक किफायती आवास परियोजना का निर्माण और विकास करना।
01.04.2010 को या उसके बाद भारत में उर्वरक (फर्टिलाइजर) उत्पादन करना।
01.04.2010 को या उसके बाद कंटेनर फ्रेट टर्मिनल या अंतर्देशीय कंटेनर डिपो की स्थापना और संचालन करना।
01.04.2009 को या उसके बाद मधुमक्खी पालन और मोम और शहद का निर्माण करना।
01.04.2009 को या उसके बाद लौह अयस्क (ओर) परिवहन के लिए स्लरी पाइपलाइन का निर्माण और संचालन करना।
01.04.2010 को या उसके बाद सेमीकंडक्टर वेफर्स के निर्माण के लिए उत्पादन सुविधा की स्थापना और संचालन करना।
01.04.2007 को या उसके बाद एक नई संरचना सुविधा का निर्माण, रखरखाव और संचालन करना।

  • व्यवसाय शुरू होने से पहले किए गए व्यय – व्यवसाय शुरू करने से पहले किए गए व्यय का 100% कंपनी द्वारा अपनी गतिविधियों को शुरू करने के पहले वर्ष में कटौती के रूप में अनुमत है।

शर्त: निर्धारिती निर्दिष्ट व्यवसाय के संचालन शुरू होने से पहले भुगतान किए गए व्ययों में कटौती कर सकता है, यदि इस तरह के व्ययों को खाते की किताबों में उस दिन पूंजीकृत किया गया था जिस दिन निर्दिष्ट व्यवसाय शुरू हुआ था।

  • व्यवसाय की शुरुआत के बाद किए गए व्यय – जिस वर्ष पूंजीगत व्यय किया गया है, उस वर्ष में व्यय के 100% की कटौती की अनुमति है।

अपवाद: भूमि, गुडविल, या वित्तीय साधनों की खरीद से संबंधित लागतों के लिए किसी कटौती की अनुमति नहीं है।

दोहरी कटौती की अनुमति नहीं है

यदि निर्दिष्ट व्यवसायों के लिए कटौती का अनुरोध किया गया है और धारा 35AD के तहत अनुमोदित किया गया है, तो अध्याय VIA (लाभ से जुड़ी कटौती) के भाग C के तहत कोई कटौती या धारा 10AA के तहत एसईजेड इकाई कर प्रोत्साहन उन निर्दिष्ट व्यवसायों के लिए चालू वर्ष के लिए नहीं दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, उन संपत्तियों पर मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) की अनुमति नहीं है जिनके लिए 100% पूंजी निवेश की अनुमति है। एक बार जब निर्दिष्ट व्यवसाय के लिए व्यय के संबंध में 100% कटौती की अनुमति दी जाती है, तो ऐसे व्ययों के लिए किसी भी कर कटौती को उस विशिष्ट वर्ष या आयकर अधिनियम के तहत आने वाले किसी भी वर्ष के लिए लाभ और हानि में कटौती करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कटौतियों के कारण हुए नुकसान के लिए उपाय

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 73A कटौती के कारण किसी निर्दिष्ट व्यवसाय में हुए नुकसान को निर्दिष्ट करती है। निर्दिष्ट व्यवसाय से होने वाले नुकसान के साथ केवल ‘निर्दिष्ट व्यवसाय’ से होने वाले लाभ को संतुलित किया जा सकता है। भले ही निर्दिष्ट व्यवसाय रोक दिया गया हो, इससे होने वाले नुकसान को भविष्य में ले जाया जा सकता है और ऑफसेट किया जा सकता है। इन नुकसानों को अनिश्चित अवधि के लिए आगे जारी रखा जा सकता है, बशर्ते कि निर्धारिती प्रदान की गई समय सीमा के भीतर अपना आयकर रिटर्न दाखिल करता है।

निष्कर्ष

हालांकि सरकार ने अतिरिक्त व्यवसायों की शुरुआत की है, जो कि कभी-कभी इन निर्दिष्ट व्यवसायों को राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक मानते हैं और किए गए व्यय की 100% कटौती की अनुमति देते हैं। इसने इस धारा के दुरूपयोग को रोकने के लिए आवश्यक संशोधन और शर्तें भी लगाई हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आयकर अधिनियम की धारा 354D क्या कहती है?

धारा 35AD किसी विशेष फर्म के संचालन के लिए पूरी तरह से किए गए किसी भी पूंजीगत व्यय की कटौती की अनुमति देता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अचल संपत्ति, वित्तीय साधनों या गुड विल की खरीद के लिए किए गए व्यय, धारा 35AD के तहत कटौती के लिए पात्र नहीं हैं।

निर्दिष्ट व्यावसायिक हानियों की वसूली कैसे करें?

एक निर्दिष्ट व्यवसाय से होने वाले नुकसान की भरपाई आयकर अधिनियम की धारा 73A के तहत एक निर्दिष्ट व्यवसाय से होने वाली आय से की जा सकती है। एक निर्दिष्ट व्यवसाय बंद होने पर भी इस तरह के नुकसान को आगे बढ़ाया जा सकता है।

मान लें कि किसी व्यवसाय को धारा 35AD में संपत्ति कटौती से लाभ हुआ है। क्या होगा यदि करदाता संपत्ति बेच देता है?

धारा 35AD के तहत अधिकृत संपत्ति के लिए कर कटौती को स्थानांतरित, खत्म, क्षतिग्रस्त या निपटाया जा सकता है। इस मामले में, संपत्ति को बेचने से प्राप्य (रिसीवेबल्स) के लिए किसी भी बीमा प्रतिपूर्ति को व्यावसायिक राजस्व (रिवेन्यू) माना जाएगा, भले ही किसी निर्दिष्ट व्यवसाय ने संपत्ति का उपयोग कितने समय तक किया हो। संपत्ति मुक्त होगी।

संदर्भ

 

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